उद्देश्य
प्रोत्साहन और प्रोत्साहन के साथ केंद्र सरकार के कार्यों में हिंदी के प्रगतिशील कार्यक्रमों को बढ़ावा देना।हम हिंदी को सर्वव्यापी भाषा बनाना चाहते हैं।
राजभाषा, किसी राज्य या देश की घोषित भाषा होती है जो कि सभी राजकीय प्रयोजनों में प्रयोग होती है। उदाहरणतः भारत की राजभाषा हिन्दी है। केंद्रीय स्तर पर दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है।
यह श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय हिंदी प्रकोष्ठ का आधिकारिक वार्षिक कार्यक्रम है।
राजभाषा भारती संघ की राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार तथा प्रोत्साहन को समर्पित त्रैमासिक पत्रिका है,जिसे राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय द्वारा प्रकाशित किया जाता है ।
शब्दकोश शब्दकोश (अन्य वर्तनी:शब्दकोष) एक बडी सूची या ऐसा ग्रंथ जिसमें शब्दों की वर्तनी, उनकी व्युत्पत्ति, व्याकरणनिर्देश, अर्थ, परिभाषा, प्रयोग और पदार्थ आदि का सन्निवेश हो।
23/11/2015 को आयोजित अपनी 24 वीं बैठक में कार्यकारी परिषद द्वारा अनुमोदित के रूप में, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (U.G.C) के निर्देशों के अनुरूप श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय हिंदी प्रकोष्ठ की स्थापना सभी संबंधितों की जानकारी के लिए यहाँ दी गई है।
विस्तृत जानकारीप्रोत्साहन और प्रोत्साहन के साथ केंद्र सरकार के कार्यों में हिंदी के प्रगतिशील कार्यक्रमों को बढ़ावा देना।हम हिंदी को सर्वव्यापी भाषा बनाना चाहते हैं।
हिंदी में अवकाश पढ़ने अनुभाग के लिए महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध हिंदी पुस्तकों साहित्य की खरीद करें और हिंदी पत्रिकाओं की सदस्यता लें।समाचार पत्र / पत्रिका जैसे संस्थागत प्रकाशनों में हिंदी लेखों का प्रकाशन।
हिंदी में संगोष्ठी / बोलचाल / लोकप्रिय व्याख्यान आयोजित करने के लिए। हिंदी में अनुवाद, ई-कंटेंट डिजाइनिंग, संस्कृति कार्यक्रम (जैसे: - नुक्कड़ नाटक, रंगमंच आदि) को प्रोत्साहित करें।
नोडल अधिकारी,हिंदी प्रकोष्ठ
कुलपति,श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय
कुलाधिपति,श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय
छात्र कल्याण विभाग के अध्यक्ष
उपाध्यक्ष,हिंदी प्रकोष्ठ
ज्ञानधारा प्रथम संस्करण
भाषा का विकास साहित्य से हैं और इसी को ध्यान में रखते हुए हिंदी पत्रिका का विमोचन हुआ हैं।ज्ञानधारा शीर्षक इतना सरल सटीक और रोचक हैं कि मन उत्सुकता से भर जाता हैं।इस पत्रिका में कविता,रोचक कहानी एवं विभिन्न कृतियों का संयोजन हैं।छात्र अपने द्वारा लिखी अनोखी रचनाओं को ज्ञानधारा के अगले संस्करण में अंकित करा सकते हैं।
और पढो >>ज्ञानधारा द्वितीय संस्करण
भाषा का विकास साहित्य से हैं और इसी को ध्यान में रखते हुए हिंदी पत्रिका का विमोचन हुआ हैं।ज्ञानधारा शीर्षक इतना सरल सटीक और रोचक हैं कि मन उत्सुकता से भर जाता हैं।ज्ञानधारा श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय की अर्धमासिक पत्रिका हैं।इस पत्रिका में कविता,रोचक कहानी एवं विभिन्न कृतियों का संयोजन हैं।छात्र अपने द्वारा लिखी अनोखी रचनाओं को ज्ञानधारा के अगले संस्करण में अंकित करा सकते हैं।
और पढो >>ज्ञानधारा के लिए चयनित कविता
भाषा का विकास साहित्य से हैं और इसी को ध्यान में रखते हुए हिंदी पत्रिका का विमोचन हुआ हैं।ज्ञानधारा शीर्षक इतना सरल सटीक और रोचक हैं कि मन उत्सुकता से भर जाता हैं।ज्ञानधारा श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय की अर्धमासिक पत्रिका हैं।इस पत्रिका में कविता,रोचक कहानी एवं विभिन्न कृतियों का संयोजन हैं।छात्र अपने द्वारा लिखी अनोखी रचनाओं को ज्ञानधारा के अगले संस्करण में अंकित करा सकते हैं।
और पढो >>ज्ञानधारा के लिए चयनित कविता
भाषा का विकास साहित्य से हैं और इसी को ध्यान में रखते हुए हिंदी पत्रिका का विमोचन हुआ हैं।ज्ञानधारा शीर्षक इतना सरल सटीक और रोचक हैं कि मन उत्सुकता से भर जाता हैं।ज्ञानधारा श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय की अर्धमासिक पत्रिका हैं।इस पत्रिका में कविता,रोचक कहानी एवं विभिन्न कृतियों का संयोजन हैं।छात्र अपने द्वारा लिखी अनोखी रचनाओं को ज्ञानधारा के अगले संस्करण में अंकित करा सकते हैं।
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